गादी पंडूम: कोयतुरो का महत्त्वपूर्ण पंडूम
दिनांक 06/02/2023 को ग्राम गणराज्य कोरीरास के प्रकृति की गोद अंदल कोसल दादो के बस्तर क्रांतिकारी बुम में मांडवी कुटुम परिवार एवं एनिमर अक्को मामाल कोवासी परिवार के साथ लेखक के पूर्वजों प्रकृति के पारंपारिक रीति नीति, रीति रिवाज के अनुसार कोया आदिवासी व्यवस्था, माटी पुजारी, पेरमा, गायता, बडडे, गांव प्रमुख एवं समस्त ग्रामवासी उनके द्वारा गादी मुयतोर पेंडूल, की खुशी में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला, और पुना पेकल अड़ता नाद, यह प्रमुख पंडूम माना जाता हैI
गादी पंडूम, पूरे फसल कटाई, मिंडाई, के बाद अपने-अपने कुटुम्ब परिवार कोठार छोड़ घरों में राजा अपनी रानी को वीजा सौंप देता है, और राजा (पुरुष) अपना बेटा को अपने पेन पुरखाओ के संस्कृति याद में रूढ़ी-प्रथा के अनुसार सेवा अर्जी कर तलूड़ मुतेन परमिशन लेकर पन्डुम में शामिल किया जाता हैI हमारी आदीवासी संस्कृति का हर एक क्षन अपनी धरती से जुडी है फिर वह फ़सल होने के बाद की बात हो या फिर फ़सल की शुरुवात हर पल को एक उत्सव की तरह मनाया जाता हैI जब भी आदिवासी प्रकृति से कुछ पाता है तो उसको भी बदले मै धन्यवाद बोलकर देकर चावल और सेवा अर्पित करता है| और प्रकृति को यैसे ही हर साल फ़सल,पानी और जिविकाजन्न्य जिचे देती रहे यह प्रार्थना करते है|
दाहिने तरफ के बर्तन को अछ कुचा बोलते हैं जब बीजा पडुम होता है या कोई पडुम मे यह खाना लाने का और मुर्गा जैसे अन्य चीजों को लाने का काम रहता हैI बिच मे जो बर्तन है उसको लंदा कुंडा बोलते हैं इसको और तलीन कोड़ा में गादी पंडुम जैसे अन्य पंडुमों में सब एक साथ मिलकर बाटके वहीं कुंडा का लंदा को पीते हैंI और बाहीने तरफ का बुरिया है, लंदा बाटने का काम रहता इसी से डोपा डाल देते हैं और पानी भी डालने का काम रहता है I यह तारी कोयीतुर लोगो के जिवन मै बोहोत सालो से उपयोग है और अहम भूमिका निभाती आ रहि है I
फसल को हर बीज थोड़ा-थोड़ा कर गादी मुयतोर को दिया जाता है,हर इस साल की तरह फसल दे और खुशी दे, और आने वाला साल भी इसी तरह वड़सा वीय पानी,फसल और पुना वीजा पंडी किम, इस तरह से मनाया जाने वाला प्रमुख तीराम है, इस तीराम के बाद फिर से, नया फूल (कोया फूंगर) इरूक,गाड़ा, पेहकाना,पुना वेरकी ततानद ईद मावा पेन पुरखा न परंपरा मनता, सेवा , सेवा, सेवा जोहार I
लिखेम-कोया भीमा रावण मंडावी, कोरीरास
आदिवासी युवा छात्र संगठन दंतेवाड़ा, बस्तर पांचवी अनुसूची क्षेत्र।